प्राकृतिक चिकित्सा और घरेलू उपायों के क्षेत्र में मीना अग्रवाल का नाम एक जाना-पहचाना नाम है। उन्होंने वर्षों के अनुभव से सौंदर्यवर्धक उपायों की एक समृद्ध श्रृंखला तैयार की है, जो न केवल त्वचा को प्राकृतिक रूप से निखारते हैं, बल्कि बिना किसी साइड इफेक्ट के स्थायी लाभ भी प्रदान करते हैं।
हल्दी उबटन का जादू:
मीना जी के अनुसार, 60 ग्राम बेसन, आधा चम्मच पिसी हल्दी, थोड़ा कच्चा दूध और 10 बूंद जैतून तेल मिलाकर बनाया गया उबटन त्वचा को गोरा, साफ और झुर्रियों से मुक्त करता है। यह चेहरे के अनावश्यक बालों को हटाने में भी सहायक है। इस उबटन को सप्ताह में एक बार या 15 दिन में एक बार लगाया जा सकता है।
तेलीय और शुष्क त्वचा के लिए उपाय:
तेलीय त्वचा के लिए बेसन, खीरा, बर्फ और नींबू का प्रयोग अत्यंत लाभकारी है। वहीं शुष्क त्वचा के लिए कच्चे दूध, मलाई और तिल युक्त उबटन बेहद उपयोगी हैं। नियमित प्रयोग से त्वचा में कोमलता और निखार आता है।
प्राकृतिक पेय और आहार का महत्व:
मीना अग्रवाल का मानना है कि सौंदर्य केवल बाहरी नहीं होता, बल्कि आंतरिक स्वास्थ्य भी उतना ही ज़रूरी है। उनके अनुसार आवला, गाजर का रस, केसर वाला दूध और फलों का सेवन रंगत को निखारने में अहम भूमिका निभाता है।
मुंहासों और झाइयों का घरेलू इलाज:
शहद, संतरे के छिलके, उड़द की दाल और नींबू-मलाई मिश्रण जैसे उपाय मुंहासों और दाग-धब्बों से राहत दिलाने में प्रभावी सिद्ध हुए हैं। इनका नियमित और सावधानीपूर्वक उपयोग चेहरे को स्वस्थ और आकर्षक बनाता है।
मीना जी की सलाह:
मीना अग्रवाल कहती हैं, “हर बीमारी पेट से शुरू होती है। पेट साफ हो, नींद पूरी हो और मन शांत हो, तो चेहरे पर स्वाभाविक चमक आ जाती है।”
निष्कर्ष:
नेचुरोपैथी के सरल, सुलभ और घरेलू उपायों से आज भी सुंदरता को बनाए रखा जा सकता है, और मीना अग्रवाल का यह प्रयास हमें यही सिखाता है कि प्रकृति के करीब जाकर हम सौंदर्य की सच्ची परिभाषा पा सकते हैं।