संवाददाता: अंकित पाल
कानपुर।
झांसी के मऊरानीपुर थाना प्रभारी शिव कुमार सिंह राठौर के परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। कन्नौज में हुए दर्दनाक सड़क हादसे में उनके इकलौते बेटे सत्यम सिंह राठौर (27) की मौत हो गई। हादसे में इंस्पेक्टर शिव कुमार का कूल्हा टूट गया, पत्नी अनीता राठौर और बहू वर्षा सिंह राठौर भी गंभीर रूप से घायल हो गईं। बेटे के अंतिम संस्कार में भी माता-पिता और पत्नी शामिल नहीं हो पा रहे हैं।
शव का अंतिम दर्शन कराने के लिए उसे अस्पताल लाया गया। यह दृश्य देख पुलिसकर्मी और अस्पताल का स्टाफ भी भावुक हो गया।
हादसे की पूरी कहानी:
शिव कुमार सिंह राठौर, जो मूल रूप से एटा जनपद के रहने वाले हैं, कानपुर के आवास विकास महाबलीपुरम में अपने परिवार के साथ रहते हैं। वह झांसी जिले के मऊरानीपुर थाने के प्रभारी हैं। उनके परिवार में पत्नी अनीता, बेटा सत्यम और बहू वर्षा हैं। सत्यम कार्डियोलॉजी हॉस्पिटल में फार्मासिस्ट था।
गुरुवार देर रात शिवकुमार सिंह राठौर अपने गांव एटा से एक पारिवारिक कार्यक्रम से वापस कानपुर लौट रहे थे। उनके साथ उनकी पत्नी, बेटा और बहू भी कार में सवार थे। शुक्रवार सुबह करीब 6 बजे कन्नौज जिले के समधन कस्बा के पश्चिमी गेट के पास उनकी हेक्टर कार (UP 78HE 1512) अचानक अनियंत्रित होकर पोल से टकरा गई।
हादसे में सत्यम की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि शिव कुमार सिंह राठौर का कूल्हा टूट गया। बहू वर्षा का पैर टूट गया और अनीता भी घायल हो गईं। सभी को गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया गया।
आईसीयू में बेटे की मौत की खबर सुनते ही इंस्पेक्टर बेहाल:
इंस्पेक्टर शिवकुमार को स्वरूप नगर के मधुराज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। उनकी हालत गंभीर होने के चलते उन्हें ICU में रखा गया। जब उन्हें होश आया और बेटे की मौत की खबर मिली, तो वे चीख-चीख कर रोने लगे। उन्होंने कहा, “हे भगवान! तूने ये क्या कर दिया, मुझे उठा लेते…” फिर से गश खाकर गिर पड़े।
पत्नी और बहू को भी जब मौत की खबर मिली तो वे बदहवास हो गईं। इस हालत में उन्हें पोस्टमार्टम हाउस नहीं ले जाया जा सका। इसलिए शव को एंबुलेंस के माध्यम से अस्पताल लाया गया ताकि अंतिम दर्शन कराया जा सके। परिजनों की हालत देख शव को फिर वापस लौटा दिया गया।
पोस्टमार्टम के बाद अंतिम दर्शन और फिर अंतिम संस्कार:
अब पोस्टमार्टम के बाद सत्यम का शव परिजनों को अस्पताल में दिखाया जाएगा। इसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। पूरे परिवार की हालत बेहद नाजुक है, किसी को समझ नहीं आ रहा कि इस स्थिति को कैसे संभालें।
ऑपरेशन के लिए तैयारी, पर दिल में बेटे के खोने का दर्द:
इंस्पेक्टर शिव कुमार सिंह राठौर की ऑपरेशन की तैयारी चल रही थी, लेकिन वे बार-बार यही कहते रहे, “अब नहीं जीना है, एक बार बेटे को देख लेने दो।” उनकी इस हालत ने वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम कर दीं।