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डॉ. मीना अग्रवाल (नेचुरोपैथी): हरा धनिया—सेहत का सस्ता और असरदार उपाय |

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लंबे समय से लोगों के बीच हरे धनिए को लेकर कई सवाल उठते रहे हैं। डॉ. मीना अग्रवाल, जो कि नेचुरोपैथी की जानी-मानी विशेषज्ञ हैं, बताती हैं कि हरा धनिया केवल एक स्वाद बढ़ाने वाली जड़ी-बूटी नहीं, बल्कि यह कई रोगों का प्राकृतिक उपचार भी है।

हरे धनिए के सेवन से पाचन शक्ति मजबूत होती है और भूख खुलकर लगती है। यह आंखों की रोशनी बढ़ाने में सहायक होता है और पित्त की गर्मी को शांत करता है। इसके सेवन से मन प्रसन्न रहता है और नींद अच्छी आती है।

डॉ. मीना के अनुसार, हरे धनिए के पानी से सिर पर मालिश करने से गंजापन भी दूर किया जा सकता है। 125 ग्राम धनिया को पीसकर 500 मिलीलीटर पानी में उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो उसे पीने से दिमागी कमजोरी दूर होती है और नकसीर बंद हो जाती है।

अगर नाक से खून बहता हो तो 5 ग्राम सूखा धनिया, 75 ग्राम सौंफ और 10 काली मिर्च को पीसकर पानी के साथ लेने से राहत मिलती है। हरे धनिए की चटनी में काला नमक मिलाकर खाने से पेट की गैस शांत होती है।

भूख न लगने की समस्या हो तो धनिया, छोटी इलायची और काली मिर्च को बराबर मात्रा में लेकर, एक चौथाई चम्मच घी और चीनी में मिलाकर सेवन करें। इससे अरुचि दूर होती है।

खूनी बवासीर में भी धनिया लाभकारी होता है। 4 चम्मच धनिया को 250 ग्राम दूध में उबालकर, छानकर उसमें पिसी मिश्री मिलाकर पिएं या फिर धनिए का रस मिश्री के साथ मिलाकर पीने से राहत मिलती है।

आंखों की कमजोरी दूर करने के लिए हरे धनिए को चावल के साथ खाएं। मुंह के छालों के लिए धनिया पाउडर को बोरेक्स या खाने वाले सोडे के साथ मिलाकर लगाएं या फिर हरे धनिए की पत्तियों को चबाएं।

यह कोलेस्ट्रॉल को संतुलित करता है—हानिकारक को घटाता है और लाभकारी को बढ़ाता है। इसमें फाइबर, मैग्नीशियम और आयरन भरपूर मात्रा में होते हैं, जो किडनी को स्वस्थ बनाए रखते हैं।

विशेष: थायरॉइड की समस्या में हरे धनिए का सेवन बहुत लाभकारी सिद्ध होता है।

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